वो चाय की चुस्की
गले की खुस्की
वो मीठी - मीठी बातें
प्यारी सी मुस्कुराहट
नयनों को सुहाती
कानों को भाती
दिल में घर करती
आज कहां है?
वो कदमों से कदम
जुबां से जुबां मिलाती
हर छोटी - छोटी बात पर
गले से लिपट जाती
वो इक सुन्दर सी कहानी
गमों में प्यार का फन मिलाती
मेरी दिल्लगी, मेरी शायरी
आज कहां है?
© अंबिकेश कुमार चंचल
Nice Lines!!!
ReplyDeleteI am reading Ambikesh Kumar Chanchal since 2015 and his poetry is being more sharpen after day passes....