मोहब्बत हमारी इतनी निकम्मी है
तुम दिल न दुखाते तो क्या करते।
इश्क करती है, मगर भूल जाती है
तुम फितरत इंसानी न दिखाते तो क्या करते।
फलक पर सजाया था, हलक से निकाल लाया
तुम जमीं न दिखाते तो क्या करते।
माना कि बेवफाई में रगों की मजबूरियाँ रही होंगी
हम आँखों में नमीं न दिखाते तो क्या करते।
दुनिया ने सिखाए हैं फायदों के गुर इतने
तुम रिश्ते में सौदेबाजी न करते तो क्या करते।
दाँव शातिर हर पल खेला गया अंजान के साथ
खेल से हम खुद को न हटाते तो क्या करते।
मोहब्बत हमारी इतनी निकम्मी है
तुम दिल न दुखाते तो क्या करते।
© अम्बिकेश कुमार चंचल
Zabardast ����������
ReplyDeleteShandaar Guru
ReplyDeleteIt is too impressive....
ReplyDelete