सुनहरी याद



सुनहरी याद



वो चाय की चुस्की
गले की खुस्की
वो मीठी - मीठी बातें
प्यारी सी मुस्कुराहट


नयनों को सुहाती
कानों को भाती
दिल में घर करती
आज कहां है?


वो कदमों से कदम
जुबां से जुबां मिलाती
हर छोटी - छोटी बात पर
गले से लिपट जाती


वो इक सुन्दर सी कहानी
गमों में प्यार का फन मिलाती
मेरी दिल्लगी, मेरी शायरी
आज कहां है?


© अंबिकेश कुमार चंचल

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